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आज शाम 4 बजे पंचतत्व में विलीन होंगे कल्याण

लखनऊ। अलीगढ़ के एयरपोर्ट पर जब पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर पहुंचा तो हर आंख एक झलक देखने के लिए ललायित थी। हर आंख में नमी थी। कल्याण सिंह का पार्थिव देह पहुंचते ही फिजा में चारों ओर जय श्रीराम…जय कल्याण, जय कल्याण के नारे गूंजे। स्वरलहरियों में ये दोनों जयघोष माहौल में घुल से गए थे। प्रभु श्रीराम के प्रति समर्पित माटी के लाल का पार्थिव देह देख अलीगढ़ रो पड़ा। स्टेडियम में तो माहौल भावुक हो गया। पार्थिव देह देख हर हाथ खड़े हो गए। तमाम आंखे कल्याण सिंह की तस्वीर को देखकर रो रही थीं। छह दिसंबर 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा ढहने के बाद कल्याण सिंह हिंदू हृदय सम्राट बन गए थे। भाजपा में एकमात्र ऐसे नेता थे जो डंके की चोट पर कहा करते थे कि सारी जिम्मेदारी वो लेते हैं, इसमें कोई किसी का दोष नहीं है। कई मंचों पर भी उन्होंने कहा था कि ढांचा गिर रहा था, गोली चलवाने के निर्देश देने का भारी दवाब उनपर था, मगर उन्होंने सीधे कह दिया था कि गोली नहीं चलवाऊंगा…नहीं चलवाऊंगा। आज वहीं बातें बुजुर्गों के जेहन में थी। अहम बात यह है कि सीएम योगी ने कल्‍याण के अंतिम दर्शन की कमान खुद संभाली और रात्रि प्रवास अलीगढ़ में किया।
राममंदिर आंदोलन के नायक पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यपाल कल्याण सिंह का अंतिम संस्कार उनकी कर्मभूमि डिबाई के नरौरा गंगाघाट पर आज सोमवार को शाम चार बजे होगा। अब तक की सूचना के अनुसार, अंतिम क्रियाक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी, सीएम शिवराज सिंह चौहान व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पहुंचेंगे। काफी संख्या में केन्द्रीय व यूपी के मंत्री, सांसद, विधायक के भी शामिल होने की सूचना है।