Breaking News
  • राजधानी के प्रेमनगर क्षेत्र में विवाहित महिलाओं पर परिवार की बर्बरता पर महिला आयोग अध्यक्ष सख्त, एसएसपी को दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश
  • प्रदेश में पोलिंग पार्टियों के लौटने के बाद जारी हुआ नया मतदान प्रतिशत
  • वनाग्नि की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को तत्काल समुचित कदम उठाने के दिये निर्देश
  • केदारनाथ धाम में घोड़े-खच्चरों के रात्रि विश्राम पर लगाया प्रतिबंध, नियमों की अनदेखी पर होगी कार्रवाई
  • एम्स के दीक्षांत समारोह में पहुंचीं राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मू, टॉपर छात्र-छात्रों को देंगी मेडल

यूकेडी नेता 24 घंटे के उपवास पर रहे, तीन कृषि विधेयकों को वापस लेने की मांग, राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

देहरादून, न्यूज़ आई। उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने किसान बिल को वापस लिए जाने की मांग को लेकर 24 घंटे का उपवास रखा। रविवार को जूस पिलाकर उपवास समाप्त किया गया। यूकेडी ने इस संबंध में जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी भेजा।
राष्ट्रपति को भेजे गए ज्ञापन में यूकेडी का कहना है कि भारत के अधिकतर लोग खेती खलियान से जुड़े हुए हैं जिससे उनकी आजीविका जुड़ी हुई है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि वधेयकों का संपूर्ण भारतवर्ष का किसान ही नहीं हर वर्ग विरोध कर रहा है जिस के संबंध में देश के हालात अत्यंत चिंताजनक बने हुए हैं। इस आपत्तिजनक विधेयक पारित के कारण और सरकार की हठधर्मिता के कारण भारत का किसान सड़कों पर आंदोलन कर रहा है और भारत सरकार उनकी बात सुनने के बजाय उन्हें लाठी-डंडों और और लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन को कुचलने का काम कर रही है जिस कारण भारत का लोकतंत्र खतरे आ गया है। भारत सरकार कोई भी सकारात्मक पहल इस संबंध में नहीं कर पाई है जबकि किसान सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं और किसानों की निरंतर सहादत में हो रही है इन तीनों विधायकों के कारण देश का किसान अपने को असुरक्षित मान रहा है और उनका विरोध लाजमी है जिस कारण बाजार के प्रति वैकल्पिक व्यापार माध्यमों को बढ़ाना दर्शाया गया है किंतु किसानों कोई लाभ नहीं मिल पाएगा इस पर किसी को ठेकेदारी प्रथा लागू होने के पश्चात संपूर्ण बड़े भूखंडों पर माफियाओं का कब्जा होना निश्चित है जिसके कारण अधिकतर किसान खेती से वंचित हो जाएंगे। उन्हें भुखमरी और बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा। उत्तराखंड क्रांति भारत सरकार से मांग करता है वर्तमान सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि विधायकों को देश हित में तत्काल वापस लिया जाना आवश्यक है इस को तत्काल वापस लिया जाए साथ ही कि इस आंदोलन में जितने किसानों की मौतें हुई है, उसके लिए भारत सरकार दोषी है सभी मारे गए में किसानों के परिवार से भारत सरकार माफी मांगे और प्रत्येक परिवार एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाए। उक्रांद इस काले कानून को वापस ना लिए जाने तक किसानों के साथ आंदोलन करता रहेगा। 24 घंटे के उपवास में दल के संरक्षक त्रिवेंद्र सिंह पंवार के नेतृत्व में किसान प्रकोष्ठ केंद्रीय अध्यक्ष नितिन सैनी, रजनीश सैनी, प्रदीप उपाध्याय, संजय उपाध्याय, किशन सिंह रावत, प्रमिला रावत, किरन शाह, चंद्रा सुंदरियाल, राजेश्वरी रावत, सोमेश बुडाकोटी, गणेश काला, संजीव शर्मा, सरोज कश्यप शामिल रहे। इस अवसर पर पूर्व आई०ए०एस० सुरेंद्र सिंह पांगती, पीसी थपलियाल, लताफत हुसैन ने उपवास कर रहे सभी को जूस पिलाकर समाप्त करवाया। दल द्वारा केंद्रीय कृषि मंत्री का पुतला घंटाघर में फूंका गया। इस अवसर पर जय प्रकाश उपाध्याय,सुनील ध्यानी, रेखा मिंया,अशोक नेगी,अनिल डोभाल,कैलाश भट्ट,प्रशांत उपाध्याय,पंकज पैन्यूली आदि उपस्थित थे।