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कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने नहरों के जीर्णोद्धार को मानकों में शिथिलीकरण को सौंपा पत्र

नई दिल्ली /देहरादून, न्यूज़ आई। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय द्वारा केंद्रीय जल आयोग के माध्यम से बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 के प्रावधानों के बारे में संवेदनशील बनाने व बांध सुरक्षा शासन पर विचार मंथन करने के लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित कार्यशाला में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रतिनिधि के रूप में प्रतिभाग किया।
प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई, पंचायतीराज, संस्कृति, धर्मस्व, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम प्रबंधन मंत्री सतपाल महाराज ने गुरुवार को नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा केंद्रीय जल आयोग के माध्यम से भारत में “डैम सेफ्टी गवर्नेंस” पर आधारित एक कार्यशाला में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रतिनिधि के रूप में प्रतिभाग किया। केंद्र सरकार द्वारा 14 दिसंबर 2021 को डैम सेफ्टी एक्ट, 2021 की अधिसूचना जारी की गई जो कि 30 दिसंबर 2021 से प्रभावी हो चुका है।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि डैम सेफ्टी एक्ट का मुख्य उद्देश्य बांधों के उचित निरीक्षण, संचालन एवं रख-रखाव के द्वारा बांध के टूटने से उत्पन्न आपदाओं की रोकथाम हेतु एक संस्थागत ढांचा एवं तंत्र उपलब्ध कराना है।
कार्यशाला के दौरान सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने पीएमकेएसवाई हर खेत को पानी योजना के अंतर्गत पूर्व गाइड लाइन ₹2.50 लाख प्रति हेक्टेयर लागत की सीमा को बढ़ाकर ₹ 4.00 लाख जाने पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का आभार व्यक्त करते हुए उन्हे एक पत्र सौंप कर प्रदेश में 2010 एवं 2013 मैं आई भीषण दैवीय आपदा से राज्य में निर्मित 3069 नहरों में से 300 से अधिक क्षतिग्रस्त होने की वजह से चालू नहीं हो पाने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पीएमकेएसवाई हर खेत को पानी योजना के अंतर्गत पर्वतीय राज्यों हेतु नहरों के पुनरुद्धार, जीर्णोद्धार, सुदृढ़ीकरण तथा विस्तारीकरण की योजनाओं की स्वीकृति प्रदान किए जाने हेतु मानकों में परिवर्तन या शिथिलीकरण किया जाए। सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को सौंपे एक अन्य पत्र के माध्यम से उनसे अनुरोध किया कि जमरानी बांध परियोजना पर शीघ्र कार्य प्रारंभ कराए जाने हेतु प्रस्तावित परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वृहत सिंचाई) के अंतर्गत स्वीकृति प्रदान की जाये ताकि राज्य को परियोजना का समय से लाभ प्राप्त हो सके। कार्यशाला में जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, कर्नाटक के मंत्री गोविंद एम. करजोल, अरुणाचल के मंत्री मामा नटुंग, मेघालय के मंत्री प्रेस्टन तिनसोंग, गुजराज के मंत्री रुशिकेश गणेशभाई पटेल, बिहार के मंत्री संजय कुमार झा, गोवा के मंत्री सुभाष ए. शिरोडकर, उत्तर प्रदेश के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और तमिलनाडु सरकार के मंत्री थिरु दुरई मुरुगन आदि मौजूद थे।