Breaking News
  • राजधानी के प्रेमनगर क्षेत्र में विवाहित महिलाओं पर परिवार की बर्बरता पर महिला आयोग अध्यक्ष सख्त, एसएसपी को दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश
  • प्रदेश में पोलिंग पार्टियों के लौटने के बाद जारी हुआ नया मतदान प्रतिशत
  • वनाग्नि की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को तत्काल समुचित कदम उठाने के दिये निर्देश
  • केदारनाथ धाम में घोड़े-खच्चरों के रात्रि विश्राम पर लगाया प्रतिबंध, नियमों की अनदेखी पर होगी कार्रवाई
  • एम्स के दीक्षांत समारोह में पहुंचीं राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मू, टॉपर छात्र-छात्रों को देंगी मेडल

आगामी चुनाव में हरीश रावत हो सकते हैं कांग्रेस के सीएम उम्‍मीदवार !

देहरादून, न्यूज़ आई। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसके तहत ही कांग्रेस जल्द ही बड़ा ऐलान कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस हरीश रावत को मुख्यमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार बना सकती है। हरीश रावत को कैंपेन कमेटी का चेयरमैन भी बनाया जाएगा। बताया जा रहा है कि हरीश रावत को सीएम उम्मीदवार के लिए मनाने की कोशिश चल रही है। इसके अलावा मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाने की तैयारी है। इनकी जगह ब्राह्मण चेहरा गणेश गोदियाल को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
उत्तराखंड में अगले साल के शुरू में ही विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी ने पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाकर युवा नेतृत्व और 60 प्लस सीटें जीतने के नारे के साथ 2022 के विधानसभा चुनाव में उतरने के संकेत दिए हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने को लेकर हरीश रावत और प्रीतम सिंह के बीच उलझी थी, लेकिन अब हरीश रावत को ही प्रत्‍याशी बनाना लगभग तय कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड के नेताओं के साथ कांग्रेस हाईकमान ने दो दिनों तक मंथन कर पार्टी के सियासी हालात को सामान्य कर करने की कोशिश की। सूत्रों के मुताबिक, प्रीतम सिंह प्रदेश संगठन की कमान अपने करीबी कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भुवन कापड़ी को देना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ने के लिए यही शर्त भी रखी है कि उनके करीबी शख्स को संगठन की कमान सौंपी जाएगी। कापड़ी ब्राह्मण समुदाय से भी आते हैं और मौजूदा समय में प्रदेश महामंत्री हैं। वहीं, हरीश रावत ब्राह्मण समाज से आने वाले पूर्व विधायक गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर देखना चाहते हैं। गोदियाल उनके करीबी माने जाते हैं। बताया जा रहा है कि गोदियाल के नाम पर लगभग सहमति बन गई है। लेकिन सूबे के जातीय समीकरण के चलते फॉर्मूला तय नहीं हो पा रहा है।