Breaking News
  • नारसन क्षेत्र के पास स्टील फैक्ट्री में हुआ तेज धमाका, मची अफरा-तफरी, 15 श्रमिक बुरी तरह झुलसे
  • मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में निराश्रित गौवंशीय पशुओं के लिए गौसदनों के विस्तार एवं निर्माण के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ ली बैठक
  • सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने में एक अत्यन्त महत्वपूर्ण कदम-एसीएस राधा रतूड़ी
  • सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी के नेतृत्व में सूचना विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से भेंट कर उन्हें जन्म दिवस की शुभकामनायें दी
  • राज्य में दिसंबर माह में होने वाली इन्वेस्टर समिट को लेकर उद्योग जगत में उत्साह का माहौल

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भोपाल में रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का किया लोकार्पण

भोपाल। आज का दिन भोपाल ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश और देश के लिए महत्व का दिन है। यह हमारे अतीत और भविष्य के संगम का दिन है। भोपाल के इस ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन का सिर्फ कायाकल्प नहीं हुआ है, बल्कि गिन्नौरगढ़ की रानी कमलापति का नाम जुड़ने से इसका महत्व और बढ़ गया है। भारतीय रेल का भविष्य कितना आधुनिक है, कितना उज्ज्वल है, इसका प्रतिबिंब इस स्टेशन में आने वालों को दिखाई देगा। उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भोपाल में रेलवे स्टेशन रानी कमलापति के लोकार्पण के अवसर पर कही।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ माह पहले गुजरात के गांधीनगर स्टेशन का नया अवतार देखा था। आज रानी कमापति स्टेशन के रूप में देश का आईएएसओ सर्टिफाइड, देश का पीपीपी आदर्श रेलवे स्टेशन देश को समर्पित किया गया। जो सुविधाएं पहले एयरपोर्ट पर मिला करती थीं वो आज रेलवे स्टेशन पर मिल रही हैं। आधुनिक टायलेट, बेहतरीन खाना-पीना, होटल, गेमिंग जोन, हास्पिटल, मॉल, स्मार्ट पार्किंग ऐसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। इसमें भारतीय रेलवे का पहला सेंट्रल एयर कांकोर्स बनाया गया है। इस कांकोर्स में सैकड़ों यात्री ट्रेन का इंतजार कर सकते हैं। सारे प्लेटफार्म इस कांकोर्स से जुड़े हुए हैं। ऐसे ही सुविधाओं की देश के सामान्य एवं मध्यम वर्ग को हमेशा उम्मीद रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले स्टेशन और ट्रेनों में गंदगी, यात्रा की सुरक्षा का भरोसा नहीं था, सुविधाएं भी नदारत थीं। लोगों ने मान लिया था कि इसमें कोई सुधार नहीं होगा, लेकिन अब परिवर्तन और सुधार का दौर है। रेलवे नए युग में प्रवेश कर रहा है। रेलवे के विकास से देश में पर्यटन की संभावनाएं भी मजबूत होती हैं। पिछले दिनों रामायण सर्किट ट्रेन की शुरुआत हुई, अगले कुछ दिनों में कुछ और भी रामायण सर्किट ट्रेनें चलाई जाएंगी। आज भारतीय रेल केवल दूरियों को तय करने का ही माध्यम नहीं है, बल्कि संस्कृति और पर्यटन तथा तीर्थाटन को भी बढ़ावा देने का माध्यम बन रही है।