Breaking News
  • राजधानी के प्रेमनगर क्षेत्र में विवाहित महिलाओं पर परिवार की बर्बरता पर महिला आयोग अध्यक्ष सख्त, एसएसपी को दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश
  • प्रदेश में पोलिंग पार्टियों के लौटने के बाद जारी हुआ नया मतदान प्रतिशत
  • वनाग्नि की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को तत्काल समुचित कदम उठाने के दिये निर्देश
  • केदारनाथ धाम में घोड़े-खच्चरों के रात्रि विश्राम पर लगाया प्रतिबंध, नियमों की अनदेखी पर होगी कार्रवाई
  • एम्स के दीक्षांत समारोह में पहुंचीं राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मू, टॉपर छात्र-छात्रों को देंगी मेडल

12 नवंबर से दून में होगा “वैली ऑफ वर्ड्स” का छठा संस्करण, पहली बार उत्तराखंड सरकार के सूचना एवं संस्कृति विभाग भी होंगे सहयोगी

देहरादून, न्यूज़ आई । आगामी 12-13 नवंबर को देहरादून में वैली ऑफ वर्ड्स का छठा संस्करण आयोजित किया जाएगा। यह पहला अवसर है जब उत्तराखंड सरकार के सूचना एवं संस्कृति विभाग भी इस आयोजन में सहयोगी होंगे। वैली ऑफ वर्ड्स में इस बार 100 लेखक, 40 सेशन और 10 किताबों का विमोचन आकर्षण होगा।

उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में विशेष प्रमुख सचिव सूचना अभिनव कुमार एवं सेवानिवृत्त आईएएस संजीव चोपड़ा ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वैली ऑफ वर्ड्स का शुभारंभ उत्तराखंड के राज्यपाल सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह करेंगे जबकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहेंगे। 13 नवंबर को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। उन्होंने बताया कि बीते 5 वर्षों से लगातार यह आयोजन देहरादून में हो रहा है। इस बार मुख्यमंत्री की सहमति के बाद उत्तराखंड सरकार भी इसमें भागीदार है। उन्होंने कहा कि वैली ऑफ वर्ड्स के दौरान उत्तराखंड की फिल्म नीति को लेकर भी चर्चा होगी। वर्तमान में इस नीति को लेकर सुझाव आमंत्रित किये गए हैं। विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार ने कहा कि एक दो माह के अंदर फिल्म नीति को फाइनल कर लिया जाएगा। अभी तक आउटडोर शूटिंग पर ही फोकस होता था लेकिन अब प्रयास है कि फिल्म से जुड़ा हर पहलू मसलन लेखन, फोटोग्राफी, सिनेमेटोग्राफी इत्यादि यहीं पर हो।

वैली ऑफ वर्ड्स के दौरान विभिन्न गतिविधियां जैसे नृत्य प्रस्तुति, मंत्रणा कार्यक्रम भी होंगे। उन्होंने कहा कि हमारा पूरा प्रयास है कि देहरादून के वैली ऑफ वर्ड्स को जल्द से जल्द देश के सर्वश्रेष्ठ लिटरेचर फेस्टिवल के तौर पर पहचान मिले। इसके अलावा इस कार्यक्रम के दौरान रूसी एवं इसरायली किताबों पर भी चर्चा की जाएगी।