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सीएम धामी ने किया राष्ट्रीय सांस्कृतिक प्रतियोगिता का शुभारंभ

देहरादून, न्यूज़ आई: राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति, जनजाति कार्य मंत्रालय भारत सरकार की ओर से देहरादून में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की राष्ट्रीय सांस्कृतिक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम का उद्घाटन किया। रायपुर स्थित महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज परिसर में आयोजित प्रतियोगिता में 22 राज्यों के 2500 जनजाति छात्र-छात्राएं प्रतिभाग कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को महाराणा प्रताप स्पोर्टस कॉलेज रायपुर में आयोजित एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के चौथे राष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव 2023 में प्रतिभाग किया। नेशनल एजुकेशन सोसायटी फॉर ट्राइबल स्टूडेन्ट तथा स्टेट एकलव्य विद्यालय संगठन समिति उत्तराखण्ड  द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में देश के 22 राज्यों से आए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) के छात्र एवं शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न राज्यों से आये छात्रों की उपस्थिति में यह उत्सव भारत की विविधता में सांस्कृतिक एकता का जश्न मनाने का एक मंच बन गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चार दिवसीय आयोजन ईएमआरएस में शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के सर्वांगीण विकास को गति देने के साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना के अनुरूप है, जो निरंतर सांस्कृतिक जुड़ाव को बढ़ावा देगा, और समृद्ध भारत की सांस्कृतिक परंपराओं और विरासत को राष्ट्रीय एकीकरण के माध्यम से विविधता में एकता की मिशाल बनेगा। उन्होंने कहा कि यह अवसर वास्तव में छात्रों के बीच उत्साह की भावना, सांस्कृतिक जुड़ाव और विभिन्न राज्यों से आने वाले छात्रों के बीच राष्ट्रीय एकता के भाव को भी मजबूत करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में मुख्य रूप से पांच प्रकार की जनजातियाँ निवास करती हैं। उनकी भौगोलिक, आर्थिक तथा ऐतिहासिक स्थितियाँ लगभग समान है। उन्होंने स्वयं जीवन का एक महत्वपूर्ण कालखंड थारू जनजाति के बीच में बिताया है। उन्होंने कहा कि जनजाति समुदाय के पंडित नैन सिंह रावत के जीवन की शुरुआत भी एक महान सर्वेयर के रूप में इसी देवभूमि से हुई है,  जिन्होंने तिब्बत की यात्रा के दौरान अपने कदमों की नाप से दुनिया को बताया कि ल्हासा की समुद्र तल से ऊंचाई कितनी है साथ ही दुनिया को तिब्बत के कई अनदेखे और अनसुलझे रहस्यों से भी रूबरू कराया तथा तिब्बत के नक्शे को दुनिया के सामने रखा।