Breaking News
  • राजधानी के प्रेमनगर क्षेत्र में विवाहित महिलाओं पर परिवार की बर्बरता पर महिला आयोग अध्यक्ष सख्त, एसएसपी को दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश
  • प्रदेश में पोलिंग पार्टियों के लौटने के बाद जारी हुआ नया मतदान प्रतिशत
  • वनाग्नि की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को तत्काल समुचित कदम उठाने के दिये निर्देश
  • केदारनाथ धाम में घोड़े-खच्चरों के रात्रि विश्राम पर लगाया प्रतिबंध, नियमों की अनदेखी पर होगी कार्रवाई
  • एम्स के दीक्षांत समारोह में पहुंचीं राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मू, टॉपर छात्र-छात्रों को देंगी मेडल

सीएम ने संस्कार भारती के वर्चुअल विचार कुम्भ में किया प्रतिभाग

देहरादून, न्यूज़ आई। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रविवार को संस्कार भारती उत्तराखंड एवं रामकृष्ण सेवा समिति द्वारा वर्चुअल आयोजित विचार कुम्भ में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कुम्भ मंथन दिशाबोध 2021 के अंतर्गत “राममंदिर से राष्ट्रनिर्माण एवं विश्वकल्याण “के ध्येय को लेकर संस्कार भारती उत्तराखंड हरिद्वार में बाल कुम्भ, कवि कुम्भ, विचार कुम्भ और दीप कुम्भ का भव्य आयोजन के लिए बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अद्भुत संयोग है कि हरिद्वार कुम्भ के साथ इसी समय वर्षों के संघर्ष और लाखों रामभक्तों के त्याग एवं बलिदान के पश्चात अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बन रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि देश के अग्रणी,प्रखर और मूर्धन्य विद्वानों द्वारा इस विचार कुम्भ में राममंदिर से राष्ट्र निर्माण एवं विश्व कल्याण पर की जा रही परिचर्चा से जो वैचारिक अमृत की प्राप्ति होगी उससे निश्चित ही समाज का पथप्रदर्शन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्री राम पूरे विश्व के आदर्श हैं। वे करुणा,त्याग और मर्यादा की प्रतिमूर्ति हैं।। उन्होंने संसार को मानवता के मार्ग पर चलना सिखाया। सनातन धर्म मानवता, विश्व कल्याण और बंधुत्व में विश्वास रखता है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कोविड की विकट परिस्थितियों में हमें एकजुट होकर अनुशासन का परिचय देना होगा। हरिद्वार कुम्भ के स्नान सभी के सहयोग से आवश्यक सावधानियाँ रखते हुए सफलतापूर्वक सम्पन्न हुए है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रतीकात्मक कुम्भ स्नान के आह्वान में संतों का सहयोग भी मिल रहा है। इस वर्चुअल परिचर्चा में इन्द्रेश कुमार, डा महेश शर्मा, अमीरचंद सहस्त्रबुद्धि, सुरेश सुयाल, प्रोफेसर महावीर सहित अन्य महानुभाव शामिल हुए।