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मुजफ्फरनगर में रालोद की परिवर्तन संदेश रैली में जयंत चौधरी ने पीएम मोदी और सीएम योगी पर बोला हमला

मुजफ्फरनगर। बघरा में आयोजित राष्ट्रीय लोकदल की परिवर्तन संदेश रैली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी कह रहे हैं कि मेरा इरादा अच्छा था, पर हम कुछ किसानों को समझा नहीं पायें, सही बात ये है कि मोदी उन्हे बरगला नहीं पाए। मैं उनको बता देना चाहता हूँ कि अब किसानों ने समझ लिया हैं, अगली पीढ़ी ने भी समझ लिया, किसान गंवार नही हैं। किसान अब इनकी झूठी बातों में आने वाला नहीं है।
जयंत चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री आंदोलनरत किसानों को आंदोलनजीवी कहते थे, मैं कहता हूं कि यह आंदोलनजीवियों की जीत है और अगर अपना हक़ पाना है, तो सबको आंदोलनजीवी बनना पड़ेगा। मुस्लिम वर्ग की भी रैली में भारी भीड आने से गदगद जयंत चौधरी ने कहा कि योगी कहते हैं, उन्होंने सब कुछ त्याग दिया है, अब समय आ गया हैं योगी आपको लखनऊ की गद्दी भी त्यागनी पड़ेगी। क्यूँकि आपका पूरा ध्यान बस पूजा-पाठ और देशभर में अपने होर्डिंग लगवाने में लगा रहता है। एक ऐसा इंसान जिसे नीतियां न तो बनानी आती हैं और न ही लागू करनी। ऐसे इंसान को मुख्यमंत्री कैसे बनाया जा सकता है।
जयंत चौधरी ने कहा कि 2017 में प्रदेश पर चार लाख करोड़ का कर्ज था, जो आज बढ़ कर छह लाख करोड़ का हो गया है। हालत ये है कि आज सरकार अपने कर्मचारियों का वेतन तक नहीं दे पा रही है, पर मीडिया में योगी क़ा प्रचार 24 घंटे चलता रहता है। बिजली बिल जिस रफ़्तार से बढ़ रहे हैं, आने वाले समय में एक आम नागरिक अपनी पूरी कमाई से बस इन बिलों का ही भुगतान कर सकेगा। जयंत चौधरी ने आगे बोलते हुए कहा कि हमने और आपने ठान लिया था कि तीनों काले क़ानून वापिस करायेंगे, जिसमें हम कल सफल रहे। अब फिर से आप ठान लो इस सरकार को खदेड़ कर आप किसान और मजदूरों की सरकार बनाएंगे, जो आपके बिजली के बकाया करेगी माफ़ और आगे के बिलों को करेगी हाफ़।
स्वर्गीय चौधरी अजित सिंह को याद करते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि यह चौधरी साहब की दूरगामी सोच का ही परिणाम है कि इस क्षेत्र में वे उद्योग धंधे लगे, जो यहांं की मुख्य फसल गन्ने से जुड़े हुए थे, जिससे किसानों को उनकी गन्ने की फसल के दाम भी मिले और हजारों युवाओं को नौकरी भी मिली। अब गन्ना किसान फिर मुसीबत में है, 14 दिन में गन्ना भुगतान क़ा कानून इस सरकार में बेमानी हो गया है। अब ये इस क़ानून को ही हटाने की बात कर रहे हैं ताकि किसान को किश्तों में भुगतान हो। जयंत चौधरी ने एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि आज मोदी ने देश से माफ़ी माँगी हैं, क्योंकि हम एकजुट थे। हमें आगे भी एकजुट रहना है। ये बाँटने के हथकंडे अपनायेंगे पर हमें साथ रहना है, ताकि किसान और नौजवान को अपने हिस्से का अधिकार मिल सके। जयंत चौधरी ने आगे कहा कि इस सरकार को बस पूंजीपतियों की चिंता हैं, योगी कहते हैं कि अगर गन्ने के दाम बढ़ाए गए तो पूंजीपतियों की कमर टूट जायेगी। अब पांच साल बाद दाम बढ़ाया भी तो इतना कम कि पड़ौस के राज्य हरियाणा और पंजाब में यहाँ से ज़्यादा दाम दिया जा रहा है।