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पतंजलि को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका, डाबर च्यवनप्राश के खिलाफ अपमानजनक विज्ञापन प्रसारित करने पर रोक

देहरादून, न्यूज़ आई : दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को पतंजलि को डाबर च्यवनप्राश के खिलाफ अपमानजनक विज्ञापन चलाने से रोक दिया। न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा ने डाबर की याचिका पर अंतरिम निषेधाज्ञा जारी की। याचिका में आरोप लगाया गया था कि “पतंजलि स्पेशल च्यवनप्राश” “विशेष रूप से डाबर च्यवनप्राश” और सामान्य रूप से च्यवनप्राश का अपमान कर रहा है। पतंजलि के विज्ञापन में दावा किया गया है कि “किसी अन्य निर्माता को च्यवनप्राश तैयार करने का ज्ञान नहीं है”- जो सामान्य अपमान है। याचिका में दावा किया गया है, “इसके अलावा, विज्ञापनों में (आयुर्वेदिक औषधि/दवा के संबंध में) गलत और भ्रामक बयान दिए गए हैं। इसमें डाबर च्यवनप्राश के साथ अपमानजनक तुलना की गई है।” डाबर की ओर से अधिवक्ता जवाहर लाला और मेघना कुमार उपस्थित हुए। याचिका में आगे दावा किया गया कि विज्ञापन में अन्य सभी च्यवनप्राश के संबंध में “साधारण” उपसर्ग का प्रयोग किया गया है, जो दर्शाता है कि वे “निम्न” हैं। विज्ञापन में यह भी “गलत” दावा किया गया कि अन्य सभी निर्माताओं को आयुर्वेदिक ग्रंथों और च्यवनप्राश तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए गए फार्मूले के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस मामले में अदालत ने अगली सुनवाई 14 जुलाई को तय की है।