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देश में आज 10 हज़ार किसान उत्पादक संघ के निर्माण का काम तेज़ी से चल रहा: प्रधानमंत्री

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पिछले आठ सालों में किसान की आय बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों की बदौलत गुजरात समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में किसानों की आय में बढ़ोतरी देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि पशुपालन, मत्स्य पालन, शहद उत्पादन को बढ़ावा देने से किसानों की आय में काफी वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री ने गुजरात के साबरकांठा के गढ़ोदा चौकी में साबर डेयरी में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज साबर डेयरी का विस्तार हुआ है। आधुनिक टेक्नॉलॉजी से लैस मिल्क पाउडर प्लांट और ए-सेप्टिक पैकिंग सेक्शन में एक और लाइन जुड़ने से साबर डेयरी की क्षमता और अधिक बढ़ जाएगी। साबर डेयरी की परियोजनाओं से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने पॉलिथीन पर प्रतिबंध को पशुओं के हित में बताते हुए कहा कि हमने प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया क्योंकि मवेशी इसका उपभोग करते हैं। उन्होंने गुजरात के पशु मेले में गायों के पेट से 15 से 20 किलो तक पॉलिथीन निकलने की स्थिति का स्मरण करते हुए कहा कि यह देखकर उस समय लोगों की आंखों से पानी आ जाता था। इसी को ध्यान में रखकर पॉलिथीन पर प्रतिबंध का अभियान चलाया गया है। प्रधानमंत्री ने दो दशक पहले गुजरात के कईं हिस्सों में अतिवर्षा की चुनौती का जिक्र करते हुए कहा कि सिंचाई की सुविधाओं का गुजरात में विस्तार होने से कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में बहुत विकास किया और डेयरी ने उसे बहुत बड़ी ताकत दी। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को डेयरी ने स्थिरता, सुरक्षा देने के साथ ही प्रगति के नए अवसर भी दिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गुजरात का डेयरी मार्किट एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि देश में आज 10 हज़ार किसान उत्पादक संघ (एफपीओ) के निर्माण का काम तेज़ी से चल रहा है। इन एफपीओ के माध्यम से छोटे किसान फूड प्रोसेसिंग से जुड़ी, एक्सपोर्ट से जुड़ी वैल्यू और सप्लाई चेन से सीधे जुड़ पाएंगे। इसका बहुत अधिक लाभ गुजरात के किसानों को भी होने वाला है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 तक देश में 40 करोड़ लीटर से भी कम इथेनॉल की ब्लेंडिंग होती थी। आज ये करीब 400 करोड़ लीटर तक पहुंच रहा है। हमारी सरकार ने बीते 2 वर्षों में विशेष अभियान चलाकर 3 करोड़ से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड भी दिए हैं।