Breaking News
  • राजधानी के प्रेमनगर क्षेत्र में विवाहित महिलाओं पर परिवार की बर्बरता पर महिला आयोग अध्यक्ष सख्त, एसएसपी को दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश
  • प्रदेश में पोलिंग पार्टियों के लौटने के बाद जारी हुआ नया मतदान प्रतिशत
  • वनाग्नि की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को तत्काल समुचित कदम उठाने के दिये निर्देश
  • केदारनाथ धाम में घोड़े-खच्चरों के रात्रि विश्राम पर लगाया प्रतिबंध, नियमों की अनदेखी पर होगी कार्रवाई
  • एम्स के दीक्षांत समारोह में पहुंचीं राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मू, टॉपर छात्र-छात्रों को देंगी मेडल

उत्तराखंड में नहीं टूटा मुख्यमंत्री की हार का मिथक

देहरादून, न्यूज़ आई । उत्तराखंड के चुनाव मुख्यमंत्री की हार को लेकर भी जाने जाते हैं। अब तक 2002 में भगत सिंह कोश्यारी ही एक मात्र ऐसे सीएम साबित हुए, जो चुनाव में जीत पाए थे। हालांकि तब कोश्यारी की पार्टी चुनाव हार गई थी। इसके बाद 2007 में एनडी तिवारी ने चुनाव नहीं लड़ा इस कारण उन पर यह फार्मूला लागू नहीं हो पाया।
जबकि इसके बाद हर चुनाव मे सिटिंग मुख्यमंत्री की हार होती गई। 2012 में भुवन चंद खंडूडी और 2017 में हरीश रावत का नाम इसमें शामिल हैं, हरीश रावत तो एक साथ दो जगह से चुनाव हार गए थे। अब 2022 आते आते इस लीग में पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हो गए हैं। इधर, लालकुआं में ताजा हार के बाद हरीश रावत बतौर पूर्व मुख्यमंत्री चुनाव हारने वाले एक मात्र नेता बन गए हैं।